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पीपल के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ, वस्तु एक्सपर्ट
प्रत्येक नक्षत्र वाले दिन भी इसका विशिष्ट गुण भिन्नता लिए हुए होता है. भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कुल मिला कर 28 नक्षत्रों कि गणना है, तथा प्रचलित केवल 27 नक्षत्र है उसी के आधार पर प्रत्येक मनुष्य के जन्म के समय नामकरण होता है. अर्थात मनुष्य का नाम का प्रथम अक्षर किसी ना किसी नक्षत्र के अनुसार ही होता है. तथा इन नक्षत्रों के स्वामी भी अलग अलग ग्रह होते है.
विभिन्न नक्षत्र एवं उनके स्वामी निम्नानुसार है (१)अश्विनी(केतु), (२)भरणी(शुक्र), (३)कृतिका(सूर्य), (४)रोहिणी(चन्द्र), (५)मृगशिर(मंगल), (६)आर्द्रा(राहू), (७)पुनर्वसु(वृहस्पति), (८)पुष्य(शनि), (९)आश्लेषा(बुध), (१०)मघा(केतु), (११)पूर्व फाल्गुनी(शुक्र), (१२)उत्तराफाल्गुनी(सूर्य), (१३)हस्त(चन्द्र), (१४)चित्रा(मंगल), (१५)स्वाति(राहू), (१६)विशाखा(वृहस्पति), (१७)अनुराधा(शनि), (१८)ज्येष्ठा(बुध), (१९)मूल(केतु), (२०)पूर्वाषाढा(शुक्र), (२१)उत्तराषाढा(सूर्य), (२२)श्रवण(चन्द्र), (२३)धनिष्ठा(मंगल), (२४)शतभिषा(राहू), (२५)पूर्वाभाद्रपद(वृहस्पति), (२६)उत्तराभाद्रपद(शनि) एवं (२७)रेवती(बुध)…
ज्योतिष शास्त्र अनुसार प्रत्येक ग्रह 3, 3 नक्षत्रों के स्वामी होते है
.
कोई भी व्यक्ति जिस भी नक्षत्र में जन्मा हो वह उसके स्वामी ग्रह से सम्बंधित दिव्य प्रयोगों को करके लाभ प्राप्त कर सकता है.
अपने जन्म नक्षत्र के बारे में अपनी जन्मकुंडली को अपने विद्वान ज्योतिषी से संपर्क कर जन्म का नक्षत्र ज्ञात कर के यह सर्व सिद्ध प्रयोग करके लाभ उठा सकते है.
विभिन्न ग्रहों से सम्बंधित पीपल वृक्ष के प्रयोग निम्न है.
(१)अ) सुर्य :-
पीपल वृक्ष की 5 परिक्रमा करें.
(आ) व्यक्ति का जन्म जिस नक्षत्र में हुआ हो उस दिन (जो कि प्रत्येक माह में अवश्य आता है) भी पीपल वृक्ष की 5 परिक्रमा अनिवार्य करें.
(इ) पानी में कच्चा दूध मिला कर पीपल पर अर्पण करें.
(ई) किसी भी दिन दोपैहर को अपने नक्षत्र वाले दिन 5 पुष्प अवश्य चढ़ाए. साथ ही अपनी कामना की प्रार्थना भी अवश्य करे तो जीवन की समस्त बाधाए दूर होने लगेंगी.
(२) चन्द्र:– जिन नक्षत्रों के स्वामी भगवान चन्द्र देव है, उन व्यक्तियों के लिए निम्न प्रयोग है.
(अ) प्रति सोमवार तथा जिस दिन जन्म नक्षत्र हो उस दिन पीपल वृक्ष को सफेद पुष्प अर्पण करें लेकिन पहले 4 परिक्रमा पीपल की अवश्य करें.
(आ) पीपल वृक्ष की कुछ सुखी टहनियों को स्नान के जल में कुछ समय तक रख कर फिर उस जल से स्नान करना चाहिए.
(इ) पीपल का एक पत्ता सोमवार को और एक पत्ता जन्म नक्षत्र वाले दिन तोड़ कर उसे अपने कार्य स्थल पर रखने से सफलता प्राप्त होती है और धन लाभ के मार्ग प्रशस्त होने लगते है.
(ई) पीपल वृक्ष के नीचे प्रति सोमवार कपूर मिलकर घी का दीपक लगाना चाहिए.
(३) मंगल:- जिन नक्षत्रो के स्वामी मंगल है. उन नक्षत्रों के व्यक्तियों के लिए निम्न प्रयोग है….
(अ) जन्म नक्षत्र वाले दिन और प्रति मंगलवार को एक ताम्बे के लोटे में जल लेकर पीपल वृक्ष को अर्पित करें.
(आ) लाल रंग के पुष्प प्रति मंगलवार प्रातःकाल पीपल देव को अर्पण करें.
(इ) मंगलवार तथा जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष की 8 परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए.
(ई) पीपल की लाल कोपल को (नवीन लाल पत्ते को) जन्म नक्षत्र के दिन स्नान के जल में डाल कर उस जल से स्नान करें.
(उ) जन्म नक्षत्र के दिन किसी मार्ग के किनारे १ अथवा 8 पीपल के वृक्ष रोपण करें.
(ऊ) पीपल के वृक्ष के नीचे मंगलवार प्रातः कुछ शक्कर डाले.
(ए) प्रति मंगलवार और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन अलसी के तेल का दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे लगाना चाहिए.
(४) बुध:- जिन नक्षत्रों के स्वामी बुध ग्रह है, उन नक्षत्रों से सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहिए.
(अ) किसी खेत में जंहा पीपल का वृक्ष हो वहां नक्षत्र वाले दिन जा कर, पीपल के नीचे स्नान करना चाहिए.
(आ) पीपल के तीन हरे पत्तों को जन्म नक्षत्र वाले दिन और बुधवार को स्नान के जल में डाल कर उस जल से स्नान करना चाहिए.
(इ) पीपल वृक्ष की प्रति बुधवार और नक्षत्र वाले दिन 6 परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए.
(ई) पीपल वृक्ष के नीचे बुधवार और जन्म, नक्षत्र वाले दिन चमेली के तेल का दीपक लगाना चाहिए.
(उ) बुधवार को चमेली का थोड़ा सा इत्र पीपल पर अवश्य लगाना चाहिए अत्यंत लाभ होता है.
(५) वृहस्पति:- जिन नक्षत्रो के स्वामी वृहस्पति है. उन नक्षत्रों से सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहियें.
(अ) पीपल वृक्ष को वृहस्पतिवार के दिन और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन पीले पुष्प अर्पण करने चाहिए.
(आ) पिसी हल्दी जल में मिलाकर वृहस्पतिवार और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष पर अर्पण करें
(इ) पीपल के वृक्ष के नीचे इसी दिन थोड़ा सा मावा शक्कर मिलाकर डालना या कोई भी मिठाई पीपल पर अर्पित करें.
(ई) पीपल के पत्ते को स्नान के जल में डालकर उस जल से स्नान करें
(उ) पीपल के नीचे उपरोक्त दिनों में सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
(६) शुक्र:- जिन नक्षत्रो के स्वामी शुक्र है. उन नक्षत्रों से सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहियें.
(अ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर स्नान करना.
(आ) जन्म नक्षत्र वाले दिन और शुक्रवार को पीपल पर दूध चढाना.
(इ) प्रत्येक शुक्रवार प्रातः पीपल की 7 परिक्रमा करना.
(ई) पीपल के नीचे जन्म नक्षत्र वाले दिन थोड़ासा कपूर जलाना.
(उ) पीपल पर जन्म नक्षत्र वाले दिन 7 सफेद पुष्प अर्पित करना.
(ऊ) प्रति शुक्रवार पीपल के नीचे आटे की पंजीरी सालना.
(७) शनि:- जिन नक्षत्रों के स्वामी शनि है. उस नक्षत्रों से सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहिए.
(अ) शनिवार के दिन पीपल पर थोड़ा सा सरसों का तेल चडाना.
(आ) शनिवार के दिन पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाना.
(इ) शनिवार के दिन और जन्म नक्षत्र के दिन पीपल को स्पर्श करते हुए उसकी एक परिक्रमा करना.
(ई) जन्म नक्षत्र के दिन पीपल की एक कोपल चबाना.
(उ) पीपल वृक्ष के नीचे कोई भी पुष्प अर्पण करना.
(ऊ) पीपल के वृक्ष पर मिश्री चडाना.
(८) राहू:- जिन नक्षत्रों के स्वामी राहू है, उन नक्षत्रों से सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहिए.
(अ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष की 21 परिक्रमा करना.
(आ) शनिवार वाले दिन पीपल पर शहद चडाना.
(इ) पीपल पर लाल पुष्प जन्म नक्षत्र वाले दिन चडाना.
(ई) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल के नीचे गौमूत्र मिले हुए जल से स्नान करना.
(उ) पीपल के नीचे किसी गरीब को मीठा भोजन दान करना.
(९) केतु:- जिन नक्षत्रों के स्वामी केतु है, उन नक्षत्रों से सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न उपाय कर अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहिए.
(अ) पीपल वृक्ष पर प्रत्येक शनिवार मोतीचूर का एक लड्डू या इमरती चडाना.
(आ) पीपल पर प्रति शनिवार गंगाजल मिश्रित जल अर्पित करना.
(इ) पीपल पर तिल मिश्रित जल जन्म नक्षत्र वाले दिन अर्पित करना.
(ई) पीपल पर प्रत्येक शनिवार सरसों का तेल चडाना.
(उ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल की एक परिक्रमा करना.
(ऊ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल की थोडीसी जटा लाकर उसे धूप दीप दिखा कर अपने पास सुरक्षित रखना.
इस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति उपरोक्त उपाय अपने अपने नक्षत्र के अनुसार करके अपने जीवन को सुगम बना सकते है, इन उपायों को करने से तुरंत लाभ प्राप्य होता है और जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती है और जो बाधा हो वह तत्काल दूर होने लगती है. शास्त्र, आदि सभी महान ग्रन्थ अनुसार पीपल वृक्ष में सभी देवी देवताओं का वास होता है. उन्हीं को हम अपने जन्म नक्षत्र अनुसार प्रसन्न करते है. और आशीर्वाद प्राप्त करते है…